bhairav kavach for Dummies
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मम श्रीबटुकभैरवप्रसादसिद्धयर्थे जपे विनियोगः ॥
ॐ ह्रीं पादौ महाकालः पातु वीरासनो हृदि ॥ १३॥
जो प्रतिदिन इस बटुक भैरव कवच का अभ्यास करता है, उसे यक्षिणी, अप्सरा और विभिन्न देवी साधनाओं में सफलता मिलती है
It is also claimed that Lord Kaal Bhairava’s powers lie during the occult sciences and thus, for mysterious gurus, Bhairava is easily the most favored deity.
पठनात् कालिका देवि पठेत् कवचमुत्तमम् । श्रृणुयाद्वा प्रयत्नेन सदानन्दमयो भवेत् ।।
॥ इति श्रीरुद्रयामलोक्तं श्रीबटुकभैरवब्रह्मकवचं सम्पूर्णम् ॥
ॐ ह्रीं कालः शिरः पातु कण्ठदेशे तु भैरवः ।
ॐ हृीं विश्वनाध: सदा पातु सर्वाँगम मम सर्वधा
वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि कोई विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।
आपदुद्धारणायेति त्वापदुद्धारणं check here नृणाम् ।